नई शिक्षा नीति – 2020 परीक्षोपयोगी तथ्य

(1) राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 वर्ष 1968 और 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की ‘तीसरी शिक्षा नीति’ होगी।

(2) ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम बदलकर ‘शिक्षा मंत्रालय’ कर दिया गया है

(3) नई शिक्षा नीति के तहत वर्तमान में सक्रिय 10+2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर 5+3+3+4 मॉडल लागू किया जाएगा।

(4) अब स्कूल के पहले ‘पाँच साल’ की पढ़ाई को ‘फाउंडेशन स्टेज’ मानी जाएगी जिसमें ‘प्री-प्राइमरी स्कूल’ के 3 साल का स्टेज कक्षा 3 से 5 तक की होगी। इसके बाद 3 साल का स्टेज कक्षा 3 से 5 तक की होगी। इसके बाद 3 साल का ‘मिडिल स्टेज’ यानी कक्षा 9 से 12 वीं तक की होगी।

(5) अब 9वीं कक्षा से ही विषय चुनने की आजादी होगी।

(6) शिक्षण में माध्यम में 5 वीं कक्षा तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल किया जाएगा।

(7) 6ठी कक्षा से ‘वोकेशनल कोर्स’ शुरू किए जाएंगे।

(8) नई शिक्षा नीति के अनुसार शोध करने वाले छात्रों के लिए ‘स्नातक डिग्री’ की अवधि को ‘4 वर्ष’ कर दिया गया है।

(9) नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रम के छात्र 3 या 4 वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में कई स्तरों पर पाठ्यक्रम छोड़ सकेंगे। जैसे-पहले वर्ष में कोर्स छोड़ने पर प्रमाण पत्र, दूसरे वर्ष में छोड़ने पर डिप्लोमा, तीसरे वर्ष में कोर्स छोड़ने पर डिग्री एवं अंतिम अर्थात चौथे वर्ष में कोर्स छोड़ने पर शोध के साथ स्नातक का प्रावधान है।

(10) नई शिक्षा नीति में M.Phil. कोर्स को समाप्त कर दिया गया है।

(11) अब चार साल की स्नातक डिग्री प्रोग्राम के बाद सीधे PhD कर सकते हैं। M.Phil. करने की जरूरत नहीं होगी।

(12) स्कूलों से दूर रह रहे ‘दो करोड़ बच्चों’ को मुख्य धारा में लाया जाएगा।

(13) नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर GDP का 6% खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है, जो वर्तमान में 4.43% है।

(14) नई शिक्षा नीति में तहत वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जीईआर के साथ माध्यमिक स्तर पर ‘एजुकेशन फॉर ऑल’ का लक्ष्य रखा गया है।

(15) उच्च कक्षा में जीईआर (Gross Enrolment Ratio) वर्ष 2035 तक 50% करने का लक्ष्य रखा गया है।

(16) उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जायेगी।

(17) छात्रों के प्रगति के मूल्यांकन के लिए मानक निर्धारक निकाय के रूप में परख (PARAKH) नामक एक नए राष्ट्रीय आकलन केंद्र की स्थापना की जाएगी।

(18) नई शिक्षा नीति का लक्ष्य 2030 तक 3-18 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रदान करना है।

(19) UGC, AICTC, NCTE को हटाकर Higher Education Commission of India का निर्माण किया जायेगा।

(20) नई शिक्षा नीति लागू करने वाला भारत का प्रथम राज्य ‘कर्नाटक’ है।